Thursday, February 22, 2018

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(क्यों हैरान करता है इंसान का शरीर, वैज्ञानिकों को)* अद्भुत है इंसान का शरीर *जबरदस्त फेफड़े* हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं. हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती. फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे. *ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं* हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है. साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं. एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं. *लाखों किलोमीटर की यात्रा* इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है. हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है. *धड़कन, धड़कन* एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है. साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है. *सारे कैमरे और दूरबीनें फेल* इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है. फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके. *नाक में एंयर कंडीशनर* हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है. यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है. *400 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार* तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है. इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं. *जबरदस्त मिश्रण* शरीर में 70 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है. *बेजोड़ झींक* झींकते समय बाहर निकले वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. आंखें खोलकर झींक मारना नामुमकिन है. *बैक्टीरिया का गोदाम* इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं. *ईएनटी की विचित्र दुनिया* आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं. कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं. कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं. *दांत संभाल के* इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं. लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते. *मुंह में नमी* इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है. लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है. *झपकती पलकें* वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं. *नाखून भी कमाल के* अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है. वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है. *तेज रफ्तार दाढ़ी* पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं. अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है. *खाने का अंबार* एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है. हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं. *बाल गिरने से परेशान* एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं. *सपनों की दुनिया* इंसान दुन… नीरव मोदी* और *प्रिया प्रकाश की एब्रो* से फुरसत मिल गयी हो तो थोड़ा ध्यान कैलेंडर पे भी दो *होली आने वाली है...* चाइना की पिचकारी का विरोध कब से करना है और *पानी बचाओ* ये ज्ञान कब से बॉटना है... बता दे






में मोदी की कुछ नीतियों का सख्त विरोधी हु फिर भी मुजे आने वाले चुनाव में मोदी को ही वोट देना पड़ेगा
कारण स्पष्ट है😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀

जब आप फ़ुर्सत मे हो तब पढ़ लीजिएगा,किंतु पढ़ना धैर्य-शांति से और तत्पश्चात निष्कर्ष निकालना......

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भारत में बहुत से लोग है,
जो भ्रष्ट नेताओं की बातों में आकर मा.नरेन्द्र मोदी का विरोध करते हैं
अच्छा है,
 लोकतंत्र है विरोध करें या समर्थन ये तो आपका अपना हक है
पर मोदी का विरोध करके आप समर्थन किसका कर रहे हो ?ये बडा गंभीर सवाल है इसलिए निर्णय भी गंभीरता पूर्वक ही होना चाहिए-

*क्या मुलायम, लालू, मायावती, सोनिया,राहुल  केजरीवाल, ममता बनर्जी, वामपंथी
ये सब नरेन्द्र मोदी से बेहतर है ??
या इनका रिकॉर्ड बेहतर है ??

* क्या नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रीकाल की तुलना मे ममता बनर्जी, अखिलेश आदि बेहतर नजर आता है ?तुलना करनी है तो गुजरात के किसी छोटे शहर मे जाकर 1 नजर मार लीजिये और फिर इन अन्य राज्यो की राजधानी का भ्रमण कीजिए .

* राजनीति मे प्रवेश के समय लालू और मुलायम,
 दोनों के घर की ऐसी स्तिथि थी की, 1 के घर पर साइकिल और एक के घर पर लालटेन खरीदने तक के पैसे नहीं थे, 
जाति के नाम पर चलने वाले नेता, आज अरबपति है,
रामगोपाल चार्टर्ड प्लेन में घूमता है, तो शिवपाल महँगी ऑडी मे कहाँ सेया इतना अकुत धन ?ये लोग नरेन्द्र मोदी से
बेहतर है ?

*  सोनिया जी के बेटा-बेटी और दामाद आज सभी अरबपति है, 10 साल का  इनका राज हाल में ही  बीता है, क्या ये नरेन्द्र मोदी से बेहतर है ??

* 35 साल बंगाल में राज करने वाले वामपंथी, नरेन्द्र मोदी से बेहतर है ?

* 5 साल केजरीवाल, 5 साल केजरीवाल, का विज्ञापन चलाकर दिल्ली के लोगों को चुना लगाने वाला, WIFI, CCTV, 150 कॉलेज, 500 स्कुल क्या ये कुकुरमुत्ता नरेंद्र मोदी से बेहतर है ?

* जब मायावती राजनीती करने निकली थी, और कांशीराम की साथी थी, तब उसके घर में दिया जलाने का धन नहीं था, साईकल से प्रचार करती थीआज उसका सैंडल भी प्लेन से आता है, उसके भाई के पास 497 कंपनिया है, क्या मायावती नरेंद्र मोदी से बेहतर है ???

अरे मोदी का विरोध करने वालो, विरोध करो, पर समर्थन किसका करना है ये तो तय करो कोई बेहतर विकल्प हो तो बताना जरुर.

थोड़ा देश का भी सोचो, कितना बर्बाद करवाना है, कितना लूटवाना है ?अरे बाहर निकलो जातियो के बंधनो से इसे उबारकर ये लूटेरे हमे ही लूटते है.

 ***मान लो कि ये पोस्ट बनाने वाला मोदी भक्त है और इसे share करने वाला मैं भी लेकिन बुद्धि तो उपर वाले ने आपको भी दी है इसलिए ईमानदारी से सोचिए  ... केवल अपने लिए नही  अपने देश के लिए ....

● मुझे नहीं मालूम कि मैं मोदी जी को क्यों पसंद करता हु । लेकिन मेरे पास कांग्रेस , सपा ,बसपा , आप को नापसंद करने के बहुत कारण है ।

● मुझे नहीं मालूम कि अच्छे दिन आएंगे कि नहीं,
 पर मोदी जी के अतिरिक्त और कोई राजनेता दूर दूर तक दिखाई नहीं देता जो भारत के अच्छे दिनों के लिए तन और मन से प्रयत्न करता हो

● मुझे ये भी नहीं मालूम कि मोदी जी भारत को हिन्दू राष्ट्र बना पायेगे या नहीं । लेकिन, इसका पूरा यकीन हैं कि वो पूरी संजीदगी और गंभीरता से भारत माता को पुनः विश्वगुरु का दर्जा दिलवाने हेतु प्रयासरत है ।

● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी के पास 56 इंच का सीना हैं या नहीं। लेकिन ये पता हैं कि उनके सीने में 'दम' हैं 'दमा' नहीं।

● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मोदी से देश के कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी नाराज हैं, क्यूंकि मुझे यकीन है उनके आने के बाद युवा पीढ़ी बहुत खुश है

● मुझे ज्ञात नहीं कि मोदी देश का कितना विकास कर पा…

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